तुम ख्वाब बनकर आते हो हर रोज रातों में तुम्हें पाने की चाहत रखता हूं तुम अनमोल हो वरना पैसे से तुम्हें खरीद लेता ऐसा लगता है अपने प्यार से तुम्हारे दिल को जीतना होगा
उसके वादों पर भरोसा करके मैं इंतजार करता रहा अच्छे ख्वाब दिखाकर मेरे पीछे अजब गजब का गुल खिलाती रही जब हकीकत मालूम हुआ तो होश उड़ गए मुझे भ्रमित कर जबरदस्त पागल बनाती रही मेरी रूह में इस तरह उतर गई हो अब दूर रहना गवारा नहीं होगा तुम जिंदगी बन गई हो तुम्हारे बगैर मेरा गुजारा नहीं होगा मोहब्बत के फसाने में उलझकर रह गया हूं कुछ दर्द जिंदगी का खुद समझकर रह गया हूं ज्यादा वक्त गुजर जाने के बाद मालूम हुआ यह प्यार था दिखावे का मैं अपनी सादगी में सिमट कर रह गया हूं मैंने सोचा था जिंदगी की मुश्किलों को दूर कर दोगी मगर ठीक उलटा हुआ है जो थोड़ी बहुत खुशी बची थी वह भी गमों में तब्दील कर रही हो बड़ी सादगी से दिल लगाया था तुम एक बेकसूर का रास्ता सील कर रही हो